गूगल कंपनी ने 30 गुब्बारे अंतरिक्ष में भेजे हैं। इसकी लांचिंग
न्यूजीलैंड के टेकापो से की गई। यह स्ट्रेटोस्फेयर में तैरेगा। यह गुब्बारा
अंतरिक्ष की शुरुआती सीमा से उन इलाकों में इंटरनेट सर्विस देगा जहां
फाइबर-ऑप्टिक्स या टॉवर के जरिए इंटरनेट नहीं पहुंच पाया है।
इस मिशन का
नाम है ‘प्रोजेक्ट लून’।इंटरनेट आजकल हर किसी की जरूरत बन चुका है। संचार क्रांति के इस दौर
जिनके पास इंटरनेट की सुविधा है, उसे जानकारी और जरूरी कामकाज के लिए भटकना
नहीं पड़ता। एग्जाम का रिजल्ट हो या ट्रेन से लेकर सिनेमा का टिकट बुक
करना, इंटरनेट आपका काम चुटकियों में कर देता है।
भारत जैसे विकासशील देश की बात करें तो बड़े शहरों और जिला स्तर तक तो
इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है लेकिन आज भी गांव-देहातों में रहने वाले
करोड़ों लोग इससे वंचित हैं। लेकिन अब लगता उनके भी दिन फिरने वाले हैं।
गूगल ने गांव-देहात और सुदूर के क्षेत्रों में इंटरनेट को पहुंचाने की अपनी
योजना शुरु कर दी है।
कैसे करेगा काम
यह गुब्बारा पृथ्वी के चारों तरफ इसी ऊंचाई पर चक्कर लगाते हुए इंटरनेट सर्विस प्रदान करेगा।
इसमें विशेष प्रकार के कंप्यूटर और एंटीना लगे हैं जिसका नियंत्रण जमीन से किया जाएगा।
इसके कंप्यूटर के चारों तरफ सोलर पैनल लगे हैं जिससे इसे ऊर्जा मिलती रहेगी।
अभी यह कुछ हफ्तों तक ही अंतरिक्ष में रहेगा। लेकिन भविष्य में इसे ऐसा बनाया जाएगा कि यह अंतरिक्ष में 100 दिनों तक रह सके।